राँची:- सावन की रिमझिम फुहार में साहित्योदय का पावन मंच भींग उठा। सावन पूर्णतया महाकाल शिव को समर्पित महीना होता है। भोलेनाथ स्वत: ही अपने भक्तों से रीझ जाते हैं वैसे ही साहित्योदय मंच से पहली सोमवारी के पावन दिवस में शिव भजन,सावन ,कजरी लोकगीत सुना कर भोलेनाथ को रिझाया और सावन महोत्सव का शुभारंभ किया। मंच संस्थापक पंकज प्रियम ने सभी को सावन की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम का आगाज किया। रांची झारखंड की साहित्योदय रांची प्रभारी, होम्योपैथी बायोकेमिक चिकित्सक और साहित्यकार डॉ रजनी शर्मा ‘चंदा’ ने इस कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ सुरिन्दर कौर नीलम थीं और विशेष अतिथि के रूप में डॉ अर्चना पंडित इन्दौर मध्य प्रदेश से जुड़ी थीं। भगवान शिव शंकर की स्तुति करते हुए पुष्पा पाण्डेय ,सुनीता श्रीवास्तव ‘जागृति’ एवं सविता गुप्ता ने सुंदर-सुंदर शिव भजन प्रस्तुत किया। मनभावन सावन की छटा से ओत-प्रोत पुष्पा सहाय ‘गिन्नी’ एवं रश्मि सिन्हा कविताओं एवं गीतों की प्रस्तुति दी। प्रयागराज, उत्तर प्रदेश से डाॅ० शशि जायसवाल एवं लखनऊ से डॉ साधना मिश्रा लखनवी ने लोकगीत एवं कजरी की मनमोहक प्रस्तुति दी । जमशेदपुर झारखण्ड से पद्मा प्रसाद ”विन्देश्वरी” एवं पूनम सिंह ने छंदबद्ध सुमधुर स्वर में शिव वंदना प्रस्तुत किया। श्रोता के रूप में कई साहित्य प्रेमी जुड़े रहे गीता चौबे गूंज एवं सीमा सिन्हा मैत्री ने सावन की सभी को शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के अंत में डॉ रजनी शर्मा चंदा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सावन गीत से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को “साहित्योदय हरियाली” सम्मान प्रदान किया गया।मंच संस्थापक पंकज प्रियम ने यह सूचना दी है कि यह साहित्योदय सावन महोत्सव का मनभावन कार्यक्रम पूरे सावन प्रत्येक सोमवार को आयोजित किया जाएगा।
सावन महोत्सव में शिव भजन,लोकगीतों की बरसी फुहार
