हाइपरटेंशन डे पर पारस हॉस्पिटल की सलाह: 35 की उम्र के बाद ब्लड प्रेशर की जांच है जरूरी

The Ranchi News
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रांची: हर साल 17 मई को “वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे” यानी विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों में हाइपरटेंशन के प्रति जागरूकता फैलाना और समय पर इसकी पहचान और नियंत्रण को बढ़ावा देना है। इस वर्ष 2025 में वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे का विषय “अपने रक्तचाप को सटीक रूप से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जिएं!” है। वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे पर पारस हॉस्पिटल एचइसी ने आम लोगों को सलाह दी है कि जिन लोगों की उम्र 35 के उपर हो गया है, वो नियमित रूप से अपना ब्लड प्रेशर की जांच कराएं।

पारस हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट डॉ महेश कुशवाहा ने कहा कि नियमित एक्सरसाइज और खाने में कम नमक का इस्तेमाल करने से ब्लड प्रेशर की बीमारी से बचा जा सकता है। अगर ब्लड प्रेशर से संबंधित किसी भी तरह की परेशानी हो रही हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाने का उद्देश्य भी यही है कि लोग ब्लड प्रेशर की बीमारी के प्रति लोग जागरूक रहे।

पारस हॉस्पिटल की इंटरनल मेडिसिन की सीनियर कंसल्टेंट डॉ माया ने कहा कि ब्लड प्रेशर एक आम बीमारी हो चुकी है। 33% की जनसंख्या में लोग ब्लड प्रेशर से प्रभावित है। 35 उम्र के उपर वाले लोग साल में कम से कम हर 6 महीने पर अपना ब्लड प्रेशर जरूर जांच करना चाहिए। ब्लड प्रेशर की जांच नहीं होने से और अचानक बीपी बढ़ने से बहुत ही ज्यादा खतरनाक जानलेवा बीमारी हो जाती हैं, जिसमें की ब्रेन हेमरेज स्ट्रोक बहुत बड़ी संभावनाएं है।

ब्लड प्रेशर से बचने के लिए फिजिकली एक्टिव होना होगा। प्रतिदिन 30 मिनट एक्सरसाइज और योगा करे। अपने वजन को कम करें। हेल्दी डाइट को अपने खाने में शामिल करें। कम नमक वाले डाइट को नियमित रूप से ले। स्मोकिंग और अल्कोहल से दूरी बनाये रखें। साथ ही भरपूर नींद ले। हमेशा खुश रहने का प्रयास करें। एक अच्छा और हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं। जिनको ब्लड प्रेशर की बीमारी हो चुकी है, वो नियमित रूप से डॉक्टर से सलाह ले और उनके द्वारा दिये गये दवाइयों का सेवन जरूर करें। दवाई को छोड़े नहीं।

पारस हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी कंसलटेंट डॉ कुंवर अभिषेक ने कहा कि हाइपरटेंशन को ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है। इसको नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। ब्लड प्रेशर को बढ़ने का मुख्य कारण अधिक उम्र, आनुवांशिकी, अधिक वजन या मोटापा, शारीरिक रूप से सक्रिय न होना, अधिक नमक वाला भोजन, बहुत अधिक शराब पीना आदि शामिल है। इससे बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव जैसे स्वस्थ आहार खाना, तंबाकू छोड़ना और अधिक सक्रिय होना ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है। कुछ लोगों को अभी भी दवाएं लेने की आवश्यकता हो सकती है।

पारस हॉस्पिटल एचईसी के मार्केटिंग हेड मानस लाभ ने कहा कि बदलती जीवनशैली, तनाव, असंतुलित आहार और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण युवाओं में भी हाइपरटेंशन के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, समय-समय पर जांच कराएं और डॉक्टर की सलाह को नजरअंदाज न करें।

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