रांची: चेंबर भवन में चैंबर की अहारी उप समिति द्वारा झारखण्ड के कृषि उत्पाद का अंतर्राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार के विकास विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में रांची रेल मंडल की सीनियर डीसीएम शुचि सिंह, एसीएम अनिल जेराई, एयरपोर्ट डायरेक्टर आर.आर मौर्या, ड्राई पोर्ट प्रीसनाइन मगध इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा० लि०-पटना के राकेश कुमार, मो. सहदबाद एवं विवेक विपुल, नाबार्ड के डीजीएम गौरव कुमार, एसोसियेट डीन होर्टीकल्चर कॉलेज खरसावां के डॉ. एके सिंह, झारखण्ड ग्रामीण बैंक के एजीएम मुकेश वर्मा, स्पीकर एवं अतिथि के रूप में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। इसी प्रकार राज्य के अनेकों किसान उत्पादक कंपनी के पदाधिकारी, कृषि विकास कार्य में संलिप्त स्वयंसेवी संस्थान, खाद्यान्न व्यापारी एवं खाद्यान्न उद्यमी एवं चैंबर के सदस्यों ने श्रोता / लाभार्थी के रूप में भाग लिया।
कार्यशाला का शुभारंभ एवं स्वागत भाषण चैंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी द्वारा किया गया I उन्होंने कहा कि चैम्बर द्वारा राज्य के किसानों की आय बढ़ाने के लिए व्यवसायिक स्तर पर हरसम्भव सहयोग प्रदान किया जाएगा और कृषि व्यापार को विकसित करने के लिए अनुकूल इको सिस्टम विकसित करने के लिए सरकार को पूर्ण सहयोग दिया जाएगा I अहारी उप समिति के चेयरमेन आनंद कोठारी ने कहा कि राज्य के किसान कड़ी मेहनत कर प्रचुर मात्रा में सब्जियां, फल, धान, तिलहन, दलहन एवं लघु वन उत्पाद का उत्पादन कर रहे हैं किंतु राज्य में विपणन आधारभूत संरचना एवं विपणन इको सिस्टम के अभाव में उन्हें उनके उत्पाद को विवश होकर कम कीमत में बेंचना पड़ता है। राज्य के किसी भी बाजार समिति में किसानों के उत्पादन की बिकी की सुविधा नहीं है। इस कारण राज्य के किसान सही एवं उचित कीमत पर अपने उत्पाद बेंचने में असमर्थ हैं। यदि किसानों के उत्पाद की बिकी की व्यवस्था देश के मुख्य शहरों में किया जाय, तब इससे उनकी आय भी बढ़ेगी। उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे राज्य से कृषि उत्पाद के निर्यात के लिए अविलंब समुचित आधारभूत संरचना एवं इको सिस्टम को विकसित करें। इसके लिए राजधानी रांची में अविलंब अपेडा, डीजीएफटी, एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, प्लांट क्योरेनटाइन स्टेशन का कार्यालय, पेस्टीसाइड्स रेसिड्यू प्रयोगशाला का निर्माण, एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला, इंटीग्रेटेड आधुनिक पैक हाउस का निर्माण (रांची, मेदिनीनगर, गिरिडीह एवं गोड्डा में), जमशेदपुर में ड्राई पोर्ट का निर्माण किया जाय। इसी प्रकार फूड प्रोसेसिंग एवं फूड इंडस्ट्री निदेशालय की स्थापना, बिरसा मुंडा एयरपोर्ट में कारगो टर्मिनल का निर्माण हो। इसके लिए सरकार द्वारा एयरपोर्ट ऑथोरिटी को शीघ्र भूमि उपलब्ध कराई जाय। साथ ही एयरपोर्ट का अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट स्तर पर उन्नयन हो ताकि इस एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय एयर कार्गो सेवा उपलब्ध हो सके और झारखंड से एयर कार्गो द्वारा सीधे विदेश मे यहां के उत्पादन का निर्यात हो सके I
रांची रेलमंडल की सीनियर डीसीएम शुचि सिंह ने रेलवे कारगो सेवा की संपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रांची, मुरी, हटिया से देश के सभी शहरों में 12 से 36 घंटे में पार्सल कारगो द्वारा सस्ती दर पर परिवहन किया जा सकता है। रेलवे द्वारा देश के विभिन्न शहरों में कृषि उत्पाद के परिवहन के हरसंभव सहयोग दिया जायेगा इसलिए राज्य के किसान, खाद्यान्न व्यापारी, उद्यमी इस सेवा का लाभ उठायें। एयरपोर्ट निदेशक आर.आर मौर्या ने कहा कि रांची एयरपोर्ट द्वारा देश के प्रमुख शहरों में 12 घंटे में माल का परिहवन किया जा सकता है। कारगो का रेट 48 रू० प्रति किलो है जो कम भी हो सकता है I एयरपोर्ट में 5 टन क्षमता का कोल्ड रूम उपलब्ध है। एयरपोर्ट में कारगो सेवा के लिए 16 कंपनी निबंधित हैं जिसके माध्यम से देश के सभी शहरों में एयर कारगो से कृषि उत्पाद का परिवहन किया जा सकता है।
ड्राई पोर्ट के प्रीसटाइन मगध इंफास्ट्रक्चर प्रा०लि० पटना के राकेश कुमार एवं मो. शहदाब ने बताया कि उनकी कंपनी द्वारा बिहटा-पटना में ड्राई पोर्ट का निर्माण किया गया है। झारखण्ड में कृषि उत्पादक कंपनी, खाद्यान्न व्यापारी, उद्यमी उनके द्वारा उत्पादित / निर्मित कृषि उत्पाद को पानी जहाज द्वारा विश्व के किसी भी शहर में निर्यात कर सकते हैं। उनकी कंपनी द्वारा निर्यात की सारी वैधानिक प्रकिया की सेवा प्रदान की जायेगी। राज्य से चावल का एवं कृषि उत्पाद का निर्यात किया जा सकता है। राज्य के उद्यमियों एवं किसानों को इसका पूरा लाभ उठाना चाहिए।
कार्यशाला में अहारी उप समिति के सदस्य मनीष पियूष द्वारा प्रश्न-उत्तर सेशन का संचालन किया गया एवं आदित्य कुमार द्वारा विभिन्न विभाग की योजनाओं का पीपीटी प्रेजेंटेशन दिखाया गया। कार्यशाला के आयोजन में चैंबर के सह सचिव विकास विजयवर्गीय, कार्यकारिणी सदस्य रोहित पोद्दार, राम बांगड, आस्था किरण, निवर्तमान अध्यक्ष किशोर मंत्री द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया गया I
खरसावां हॉर्टिकल्चर कॉलेज के एसोसिएट डीन डॉ. एके सिंह ने चेंबर द्वारा राज्य के किसानों को उनके उत्पाद की सही कीमत मिले इस संबंध में सार्थक पहल की प्रशंसा की I नाबार्ड के उप महाप्रबंधक गौरव कुमार ने कहा राज्य में अधिकांश किसान लघु एवं सीमांत हैं इस कारण उनके द्वारा सीधे देश के अन्य शहरों एवं विदेशों में आपूर्ति करना सम्भव नहीं है, इसलिए केंद्र सरकार द्वारा किसान उत्पादक कंपनी की योजना लायी गयी है, झारखंड में लगभग 700 किसान उत्पादक कंपनी का गठन हो गया है, राज्य के लगभग सभी प्रखंड में इस कंपनी का गठन हुआ है, चैम्बर इन सभी कंपनी के साथ समन्वय करके अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यहाँ के कृषि उत्पाद के व्यापार को विकसित करने में बहुमूल्य भूमिका अदा कर सकता है और इस कार्य में नाबार्ड द्वारा पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा I उन्होंने जानकारी दी कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि उत्पाद की ऑन लाइन विक्री के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म ONDC आरंभ किया गया जिसका शुल्क अन्य डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म से बहुत ही कम है, राज्य के किसानों एवं उद्यमियों को ONDC सेवा का पूर्ण लाभ लेना चाहिए। यह भी जानकारी दी कि राज्य में लगभग 40 लाख टन की सब्जियों एवं 10 लाख टन फलों का उत्पादन हो रहा है I नाबार्ड द्वारा किसानो की आय को बढ़ाने के सन्दर्भ में चैम्बर को हर सम्भव सहयोग प्रदान किया जाएगा I.झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक मुकेश कुमार ने अवगत कराया कि ग्रामीण बैंक द्वारा सरकार की सभी योजनाओं के अंतर्गत खेती, कृषि उत्पाद के व्यापार एवं कृषि खाद्यान्न आधारित उद्योग के लिए सुगमता से ऋृण सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है I
सेमिनार के निष्कर्ष एवं उपलब्धियों की व्याख्यान चैम्बर के महासचिव आदित्य मल्होत्रा द्वारा की गई। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राज्य के 75% कृषक आबादी को सशक्त एवं समृद्ध करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा हमारे सुझाव पर गंभीरता से विचार कर सार्थक पहल की जाएगी I कार्यशाला का धन्यवाद ज्ञापन चैम्बर के कार्यकारिणी सदस्य अमित शर्मा द्वारा दिया गया। उक्त जानकारी प्रवक्ता सुनिल सरावगी ने दी।