पलामू: रांची के सिल्ली के मारदू गांव से रेस्क्यू हुए बाघ को पलामू टाइगर रिजर्व लाया जाएगा. डॉक्टरों की जांच के बाद बाघ को पीटीआर में लाया जाएगा और कोर एरिया में छोड़ा जाएगा. पीटीआर प्रबंधन बाघ को लाने की तैयारी कर रहा है. जिस इलाके में बाघ को छोड़ा जाना है, उस इलाके में तैयारी की जा रही है. दरअसल, रांची के सिल्ली के मारदू गांव में पुरंदर महतो के घर में बुधवार को एक बाघ घुस गया था. बाद में वन विभाग की टीम ने बाघ को रेस्क्यू कर लिया है.
चेकअप होने के बाद लाया जाएगा पीटीआर
पीटीआर के उपनिदेशक प्रजेशकांत जेना ने बताया कि बाघ को पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में लाया जाएगा और उसे छोड़ दिया जाएगा. सिल्ली से रेस्क्यू हुआ बाघ पलामू टाइगर रिजर्व का है. डॉक्टर बाघ के स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं. उसके बाद उसे पीटीआर लाया जाएगा. बाघ ने 800 किलोमीटर के कॉरिडोर को एक्टिव किया है.
महीनों तक बाघ झारखंड-बंगाल सीमा को बनाया था ठिकाना
सिल्ली से रेस्क्यू हुआ बाघ ने कई महीनो तक झारखंड-बंगाल सीमा को अपना ठिकाना बनाया हुआ था. पीटीआर से निकलकर यह बाघ झारखंड-बंगाल सीमा पर जमशेदपुर और पुरुलिया के इलाके में कई महीनो तक रहा था. बाद में बाघ ने खूंटी के इलाके में अपना ठिकाना बनाया था.
खूंटी एवं रांची के सीमावर्ती इलाके में बाघ की तस्वीर कैद नहीं हो पाई. सिल्ली के इलाके में एक घर में घुसने के बाद बाघ का रेस्क्यू कर लिया गया है. रेस्क्यू हुआ बाघ काफी स्मार्ट है और दशकों पुराने टाइगर के कॉरिडोर को इसने एक्टिव किया है. मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ से निकलकर यह बाघ पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में पहुंचा था. बाद में इस बाघ ने बंगाल सीमा तक का सफर तय किया था.