रांची: आज सैकड़ो पहान पुरोहितों द्वारा सरना स्थल हटाने की मांग को लेकर गांधी मूर्ति के समक्ष एक दिवसीय धरना सह प्रेस वार्ता रखा गया।
इस धरना कार्यक्रम में पहन गणों ने कहा कि केंद्रीय सरना स्थल सिरम टोली रैंप को हटाने की मांग आंदोलनकारी के द्वारा लगभग 3 महीने से जोरदार तरीके से किया जा रहा है इतना आंदोलन होने के बावजूद भी राज्य सरकार कौन है और हमारे धार्मिक स्थलों को बचाने के लिए संवेदनहीन है। इसलिए वाहनों के द्वारा आंदोलनकारी को पूरा समर्थन करती है क्योंकि आए दिन आदिवासियों के धार्मिक जमीन को जरूर छीना जा रहा है जैसे केंद्रीय सरना स्थल सिरम टोली पारसनाथ पहाड़,लुगु -बुरु, दिउड़ी दिरी तमाड़,मुड़हर पहाड़ पिठौरिया को बचाया नहीं जा रहा है।
हमलोगों का धार्मिक स्थल हमलोग बचा नहीं पायेंगे तो आदिवासियों का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।
इसलिए पाहनों के द्वारा सिरम टोली सरना स्थल के रैंप के विषय पर पूर्ण रूप से समर्थन करती है और सरकार से निम्नलिखित मांग रखती हैं:-
1. आदिवासियों के धार्मिक आस्था को देखते हुए केंद्रीय सरना स्थल सिरम टोली से अविलंब रैंप को हटाया जाए।
2. आदिवासियों के धार्मिक स्थल को संरक्षित करने के लिए आदिवासी सरना धार्मिक न्यास बोर्ड का अविलंब गठन किया जाए।
3. आदिवासियों के धार्मिक जमीन, सरना, मसना, अखड़ा,हरगड़ी, पहनई,भुईहरी,डाली -कतारी,खुटकट्टी जमीन की लूट को बचाने के लिए विशेष आयोग का गठन की जाए।
4. केंद्रीय सरना स्थल सिरम टोली, लुगु -बुरु दिउड़ी दिरी तमाड़, मुड़हर पहाड़,सुतियाबेगढ़, पिठौरिया आदि को आदिवासी धार्मिक स्थल घोषित की जाए।
5. होने वाले जनगणना प्रपत्र में सरना आदिवासी धर्म कोड का उल्लेख की जाए।
6. राज्य के पाठ्यक्रम में आदिवासियों के रूढ़ीवादी प्रथा सरना जाहेरथान आदि विषयों पर पढाई प्रारंभ की जाए।
7. ट्राइबल यूनिवर्सिटी बनाकर आदिवासी भाषा संस्कृति अपने ऐतिहासिक विरासत को अक्षुण्ण रखने के लिए अनुसंधान की जाए अच्छा।
यह मांगों को रखते हुए पाहनों ने कहा कि धर्मेश सिंग्ङबोंगा मारंग्ङबुरू अबुआ सरकार को सत् बुद्धि दें ताकी आदिवासियों की धार्मिक आस्था को मटियामेट न करें।
सुरेश उरांव , सुनिल उरांव, विजय मुंडा,संजू पहान, विशेश्वर पहान, आदित्य मुंडा, लक्ष्मण पहान, रामनाथ पहान,सोनू पहान,जुरा मुंडा, किरण सांगा,बिरु भुटकुमार,दीवा पहान,भोला कच्छप, रोहित पहान, अजित मुंडा,बादल मुंडा,छोटु मुंडा, दुर्गा उरांव,पीटर कच्छप अन्य पहान शामिल हुए।