नगर विकास विभाग द्वारा प्रस्तावित बिजली सरचार्ज के मुद्दे पर संयुक्त बैठक की गई।

The Ranchi News
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रांची: नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा प्रस्तावित झारखंड इलेक्ट्रिसिटी कंजम्प्शन सरचार्ज रूल्स 2025 से होनेवाली संभावित कठिनाइयों को देखते हुए आज झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स, जेसिया और लघु उद्योग भारती की एक संयुक्त बैठक जेसिया कार्यालय में हुई। सर्वसम्मति से कहा गया कि प्रस्तावित ड्राफ्ट के नियम से उपभोक्ताओं पर सीधा आर्थिक भार पड़ेगा और राज्य में औद्योगिक वातावरण अस्थिर होगा। प्रस्तावित 5% बिजली सरचार्ज सभी शहरी बिजली उपभोक्ताओं पर समान रूप से लागू होगा, चाहे खपत की मात्रा, उपयोग का उद्देश्य या आर्थिक गतिविधि की प्रकृति कुछ भी हो। इससे एमएसएमई इकाइयों की उत्पादन लागत बढ़ेगी, अस्पताल, स्कूल और अन्य आवश्यक सेवाओं का व्यय भी प्रभावित होगा। बिजली सरचार्ज निम्न और मध्यम आयवर्ग के उपभोक्ताओं के लिए अतिरिक्त आर्थिक बोझ बनेगा।

झारखण्ड चैम्बर के अध्यक्ष परेश गट्टानी ने कहा कि 5% बिजली सरचार्ज से न केवल व्यापार महंगा होगा, बल्कि यह झारखंड में निवेश को भी प्रभावित करेगा। हम सरकार से इस प्रस्ताव को वापस लेने की मांग करते हैं। जेसिया के अध्यक्ष अंजय पचेरीवाल ने कहा कि झारखंड की औद्योगिक इकाइयाँ पहले से ही लॉजिस्टिक और लागत संबंधी चुनौतियों से जूझ रही हैं। इस सरचार्ज से प्रतिस्पर्धा की क्षमता और घटेगी। लघु उद्योग भारती के प्रांतीय अध्यक्ष विजय मेवाड़ और प्रांतीय महामंत्री विनोद कुमार अग्रवाल ने संयुक्त रूप से कहा कि एमएसएमई सेक्टर के लिए यह अधिभार एक और झटका होगा। इससे उत्पादन लागत बढ़ेगी और यह छोटे व्यवसायों के लिए अस्तित्व का संकट खड़ा कर सकता है।

बैठक में इस बात पर भी चिंता जताई गई कि प्रस्ताव के अनुसार अधिभार का निर्धारण और अपील की प्रक्रिया एक ही विभाग द्वारा संचालित होगी, जो अनुचित है। चैम्बर महासचिव आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि नियम के प्रस्ताव तैयार करने से पूर्व औद्योगिक संगठनों, उपभोक्ता प्रतिनिधियों, नगरपालिका प्रतिनिधियों और जेएसईआरसी जैसी संस्थाओं की सलाह नहीं ली गई है, जो इसकी प्रक्रिया को और अधिक संदिग्ध बनाता है। यह प्रस्ताव न केवल उपभोक्ताओं के हितों के विरुद्ध है, बल्कि संवैधानिक एवं नियामकीय सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। इसलिए नगर विकास विभाग इसपर पुनर्विचार करे और जनहित में इस प्रस्ताव को वापस ले।

सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि तीनो संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से उक्त प्रस्ताव से होनेवाली कठिनाई से सरकार को अवगत कराया जायेगा। चैम्बर के सह सचिव विकास विजयवर्गीय ने सभी संबद्ध संस्थाओं, जिला चैम्बर ऑफ कॉमर्स और आमजनों से भी बड़ी संख्या में प्रस्ताव के विरोध में अपनी आपत्ति दर्ज करने की अपील की।

बैठक में चैम्बर अध्यक्ष परेश गट्टानी, जेसिया के अध्यक्ष अंजय पचेरीवाल, लघु उद्योग भारती के प्रांतीय अध्यक्ष विजय मेवाड़, चैम्बर के महासचिव आदित्य मल्होत्रा, सह सचिव विकास विजयवर्गीय, जेसिया के सचिव शिवम सिंह, लघु उद्योग भारती के प्रांतीय महामंत्री बिनोद कुमार अग्रवाल, चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष दीपक कुमार मारु उपस्थित थे।

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