रांची: पॉल्यूशन कण्ट्रोल बोर्ड के निर्देश जिसके अनुसार पत्थर खदानों और क्रशर के लिए 10000 CFT. क्षमता/ 400 TPD उत्पादन सी अधिक क्रशर/ खानों में पीएम-10 विश्लेषक स्थापित करना अनिवार्य है के सन्दर्भ में आज दिनांक 20 मई को चैम्बर के प्रतिनिधिमंडल ने झारखण्ड स्टेट पॉल्यूशन कण्ट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव से मुलाकात की | मुलाकात के क्रम में प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि परिवेशी वायु के लिए प्रयोगशाला परीक्षण रिपोर्ट भी मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से हर छह महीने की अवधि में अनिवार्य है, चूंकि पीएम-10 विश्लेषक चौबीसों घंटे परिवेशी वायु का विश्लेषणात्मक डेटा जेएसपीसीबी को भेज रहा है, इसलिए छह मासिक विश्लेषण प्रस्तुत करने की आवश्यकता अनुचित और अनावश्यक प्रतीत होती है क्योंकि इसमें क्रशर/खान मालिकों को अतिरिक्त लागत शामिल है। इसलिए उन क्रशर इकाई/खानों के लिए छह मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने से छूट देने का अनुरोध किया गया जिन्होंने पहले से ही पीएम -10 विश्लेषक स्थापित किए हैं | बैठक में प्रदुषण उप समिति चेयरमैन मुकेश कुमार ने कहा कि CTO एवं CTE दोनों में ऑनलाइन प्रक्रिया होने के बावजूद भी इसमें काफी जटिलताएं एवं ऑनलाइन होने के बाद भी लोगों को बोर्ड जाना पड़ता है जिससे बहुत परेशानी होती है इसके लिए बोर्ड को इसमें सरलता लाने को कहा गया, इसके लिए उन्होंने विभाग को ज्ञापन भी सौंपा | सदस्य सचिव राजीव लोचन बक्षी IFS ने सारे बिन्दुओं को
आज की बैठक में पॉल्यूशन उप समिति के चेयरमैन मुकेश कुमार, माइंस एंड मिनरल उप समिति चेयरमैन नितेश शारदा, पर्यावरण उप समिति चेयरमैन डॉ. अनल सिन्हा एवं चन्दन सिन्हा उपस्थित थे |