झारखंड के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के लिए नया कॉमन एक्ट तैयार किया जा रहा है. 1976 के बाद अब तक झारखंड के विवि के लिए एक्ट में खंड-खंड में कई बार संशोधन किया गया है. लेकिन, अब राज्य का अपना पूर्ण एक्ट होगा, जिसमें कई बदलाव किये गये हैं. हालांकि, इस पर अभी अंतिम मुहर लगना बाकी है. मुख्य बदलाव में नये एक्ट के अनुसार, अब विवि के कुलपति व प्रतिकुलपति की नियुक्ति पांच वर्ष के लिए या फिर उम्र सीमा 70 वर्ष (जो पहले हो) के तहत की जायेगी. इनकी नियुक्ति राज्यपाल सर्च कमेटी के माध्यम से करेंगे. सर्च कमेटी अब पैनल मेरिट नहीं, बल्कि नाम को अल्फाबेटिकली देंगे. नियुक्ति के लिए प्रोफेसर के रूप में पढ़ाने या शोध का अनुभव अब 10 वर्ष की जगह 15 वर्ष का होगा.
नये एक्ट के अनुसार, अब झारखंड लोक सेवा से विवि की सभी नियुक्तियों व प्रोन्नतियों का अधिकार छीन लिया गया है. कुलपति, प्रतिकुलपति, वित्त परामर्शी की तरह विवि के रजिस्ट्रार की नियुक्ति भी अब राज्यपाल सह कुलाधिपति करेंगे. जबकि, वित्त पदाधिकारी, परीक्षा नियंत्रक, उप कुलसचिव, सहायक कुलसचिव की नियुक्ति विवि स्तर पर गठित कमेटी के माध्यम से होगी.
स्टूडेंट यूनियन की जगह स्टूडेंट काउंसिल होगा
नये एक्ट में दिये प्रावधान के मुताबिक अब विवि पीजी व कॉलेजों में स्टूडेंट यूनियन की जगह स्टूडेंट काउंसिल बनेगा. यह काउंसिल राजनीतिक गतिविधि से दूर रहेगा. काउंसिल में अध्यक्ष, सचिव होंगे. एक महिला प्रतिनिधि, एक एससी या एसटी, बीसी या पीवीटीजी के प्रतिनिधि होंगे. काउंसिल में एक सदस्य एनसीसी/एमएसएस/कल्चरल से होंगे, जिन्हें कुलपति/प्राचार्य नामित करेंगे. काउंसिल में विवि के डायरेक्टर स्टूडेंट अफेयर्स एक्स-ऑफिसो सदस्य होंगे.