राँची : जामताड़ा विधायक और सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी बीती देर रात अचानक खूंटी सदर अस्पातल पहुंचे. इसकी खबर जब स्वास्थ्य विभाग को मिली तो पूरे अस्पताल प्रबंधन में खलबली मच गई. अस्पताल पहुंचे के बाद मंत्री ने प्रबंधन की व्यवस्थाओं और सुविधाओं की जांच की. और इस बीच इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कई मरीजों से मुलाकात करते हुए उनका हाल भी जाना.
मंगलवार की सर्द रात जब पूरा राज्य गहरी नींद में था. उस वक्त चेहरे पर जिम्मेदारी के ओज, आंखों में बेबाकी और कदमों में बदलाव के जोश लिए सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी जान की परवाह किए बगैर नक्सल प्रभावित इलाके स्थित सदर अस्पताल पहुंचे. वहीं मंत्री के अस्पताल दौरे पर होने की खबर जैसे ही मिली अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया.
दरअसल, सन्नाटे भरी रात में जब अस्पताल का गेट खुला तो किसी को भी इस बात पर यकीन नहीं हुआ कि मंत्री यहां पहुंच सकते हैं नर्सिंग स्टाफ से लेकर डॉक्टर सभी यह सोचकर स्तब्ध रह गए कि आखिर इतनी देर रात कौन अधिकारी निरीक्षण के लिए हॉस्पिटल आया है. मगर जब उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को देखा तो सब के सब हैरान रह गए. मंत्री इरफान अंसारी ने हॉस्पिटल पहुंचते ही बगैर किसी औपचारिकता के निरीक्षण शुरू कर दिया. इस दौरान मंत्री अंसारी ने कई मरीजों से मुलाकात की और उनका हालचाल पूछा, दवाइयों की उपलब्धता जांच की और वार्ड में साफ-सफाई की व्यवस्था का भी जायजा लिया.
निरीक्षण के दौरान मंत्री खुद अस्पताल का पानी पीकर उसकी गुणवत्ता जांचने से पीछे नहीं हटे. इस नजारे को देखकर मौके पर मौजूद मरीज और स्टाफ भी दंग रह गए. हालांकि आप मंत्री इरफान अंसारी के जमीनी मिजाज का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं. इधर. इसकी सूचना जैसे ही सिविल सर्जन को मिली वे हड़बड़ाते हुए अस्पताल पहुंचे. मगर तबतक मंत्री इरफान अंसारी ने अपना आधा काम पूरा कर लिया था. अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों की तत्परता को देखकर मत्री भी काफी संतुष्ट नजर आए. उन्होंने पूरे स्टाफ की पीठ थपथपाई और उनसे कहा कि जितना सोचकर यहां पहुंचा था उससे कहीं बेहतर स्थिति देख रहा हूं. यह सब देखकर काफी गर्व महसूस हो रहा है. कि आप सब अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान हैं.
मंत्री अंसारी ने अस्पताल में मौजूद स्टाफ को भरोसा दिलाते हुए कहा कि उनके रहते स्वास्थ्य सेवा में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में यह भी कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी ने जो जिम्मेदारी मुझे सौंपी है उसे मैं पूरी निष्ठा से निभा रहा हूं. मैं कभी भी, कहीं भी, किसी भी अस्पताल का दौरा कर सकता हूं. यह संदेश मैं राज्य के हर सिविल सर्जन, डॉक्टर और स्टाफ को देना चाहता हूं कि स्वास्थ्य में लापरवाही का कोई स्थान नहीं होगा.”
एक ओर जहां मंत्री अंसारी का यह दौरा मरीजों के लिए राहत लेकर आया तो वहीं, दूसरी ओर उनके विरोधियों को करारा जवाब भी दिया. जो लोग राजनीतिक साजिशों और गलत अफवाहों के जरिए उनकी छवि खराब करने में लगे थे, वे इस दौरे के बाद खामोश हो गए. मंत्री अंसारी ने यह साबित कर दिया कि वे केवल राजनीति के लिए नहीं, बल्कि स्वास्थ्य सेवा को नई दिशा देने के लिए मैदान में उतरे हैं. मंत्री ने यह संदेश भी दिया कि स्वास्थ्य सेवा अब सिर्फ सरकारी घोषणाओं तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि जमीन पर बदलाव दिखेगा. उन्होंने यह भी जताया कि जब तक वे जिम्मेदार हैं, झारखंड का स्वास्थ्य विभाग चैन से बैठने वाला नहीं है.