यह कार्यशाला नवाचारों और सर्वोत्तम आजीविका मॉडल को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है – कंचन सिंह, सीईओ जेएसएलपीएस

The Ranchi News
5 Min Read

राँची : झारखण्ड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 19 से 21 मार्च, 2025 तक रांची में तीन दिवसीय अनलॉकिंग झारखण्ड लाइवलीहुडपोटेंशियल कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य राज्य में सफल आजीविका मॉडल और उत्कृष्ट योजनाओं पर चर्चा करना तथा कृषि, गैर-कृषि क्षेत्र, कौशल विकास और डिजिटल नवाचार के माध्यम से सतत आजीविका मॉडल को बढ़ावा देने हेतु सहयोग और क्रियान्वयन रणनीतियों का विकास करना था।

कार्यशाला का उद्घाटन सीईओ जेएसएलपीएस, श्रीमती कंचन सिंह, तथा अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इस अवसर पर श्री दीपक उपाध्याय, एसपीएम (मॉनिटरिंग एवं इवैल्यूएशन), ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस इकाई का मुख्य उद्देश्य भारत में किए जा रहे नवीन कार्यों का संकलन और क्रियान्वयन करना है।

जेएसएलपीएस ग्रामीण समुदायों के सशक्तिकरण और आर्थिक उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। यह कार्यशाला नवाचारों और सर्वोत्तम आजीविका मॉडल को अपनानेकी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे ग्रामीण महिलाओं और उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनने में सहायता मिलेगी। यह झारखण्ड सरकार केसशक्त महिला, समृद्ध झारखंडके सपने की ओर एक सार्थक पहल है।“- श्रीमती कंचन सिंह

अपने संबोधन में श्रीमती कंचन सिंह ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण को और अधिक मजबूती देने के लिए मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के लाभार्थियों को सखी मंडलों से जोड़ा जा रहा है, ताकि वे विभिन्न आजीविका साधनों से जुड़ सकें। उन्होंने पलाश ब्रांड की दृश्यता बढ़ाने, पैकेजिंग और प्रेजेंटेशन को बेहतर बनाने, आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने तथा उपभोक्ताओं से भावनात्मक जुड़ाव बढ़ाने के लिए समन्वित रणनीति अपनाने पर भी जोर दिया।

कार्यशाला की मुख्य गतिविधियाँ:

• पहले दिन जेएसएलपीएस के विभिन्न डोमेन प्रमुखों ने संस्था निर्माण, सामाजिक विकास, आजीविका, गैर-कृषि क्षेत्र और वित्तीय समावेशन पर प्रस्तुतियाँ दीं। प्रदान, बुद्धा इंस्टिट्यूट और ग्रांट थोर्नटन भारत द्वारा कृषि आधारित आजीविका मॉडल पर चर्चा की गई।

• दूसरे दिन स्किल्स डोमेन पर प्रस्तुतीकरण के बाद प्रदान, पीडब्ल्यूसी, टीआरआई, सेमिना एग्रो, सिनी, टाटा ट्रस्ट, आईसीएआर औरडिजिटल ग्रीन सहित कई संगठनों ने अपने अभिनव कार्य प्रस्तुत किए। कार्यशाला में आपूर्ति श्रृंखला, ब्रांड पलाश के उत्पादों के प्रचार-प्रसार और प्रदर्शनियों की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई।

• तीसरे दिन Karbokisan, Foundation for Ecological Sustainability-FES, Nudge, Wassan, PAN IIT, KGVK औरNIESBUD-RSETIद्वारा नॉन-टिंबर फॉरेस्ट प्रोड्यूस, इकोलॉजिकल प्रैक्टिसेज, लाइवलीहुड मॉडल और स्किल डेवलपमेंट पर प्रस्तुतियाँ दी गईं।

कार्यशाला में उपस्थित ‘सरहुल आजीविका किसान उत्पादक कंपनी’ की सदस्य आशा देवी और शशि बाला देवी ने अपनी सफलता की कहानी साझा की और बताया कि कैसे ग्रामीण महिलाओं के इस उत्पादक कंपनी का टर्नओवर एक करोड़ रुपये तक पहुँचा।

कार्यशाला के समापन समारोह में श्रीमती कंचन सिंह ने कहा कि इस आयोजन से सभी को नए अनुभव और सीखने के अवसर मिला है। उन्होंने बताया कि जेएसएलपीएस की टीम विभिन्न आजीविका मॉडलों का क्षेत्र भ्रमण करेगी और पीएमयू द्वारा सर्वोत्तम प्रथाओं का संकलन किया जाएगा। साथ ही, एक राष्ट्रीय कार्यशाला और रूरल इनोवेशन फोरम का आयोजन किया जाएगा, जहाँ ग्रामीण महिला उद्यमी अपने नवाचार प्रस्तुत कर सकेंगी। उन्होंने पलाश ब्रांड को और अधिक सशक्त बनाने तथापलाश उत्पादों को बाजार में लाने पर विशेष जोर दिया।

कार्यशाला के अंत में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। इस राज्य स्तरीय कार्यशाला में जेएसएलपीएस के पीएमयू सदस्य, डोमेन हेड्स, स्वयं सहायता समूह प्रतिनिधि, गैर-सरकारी संगठन तथा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं जैसे प्रदान, बुद्धा इंस्टिट्यूट, ग्रांट थोर्नटन भारत, पीडब्ल्यूसी, टीआरआई, सेमिना एग्रो, सिनी, टाटा ट्रस्ट, आईसीएआर, Karbokisan, Foundation for Ecological Sustainability-FES, Nudge, Wassan, PAN IIT, KGVK, NIESBUD-RSETI और डिजिटल ग्रीन ने भाग लिया।

TAGGED:
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *