रांची:डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रांची के तत्कालीन कार्यवाहक कुलपति डॉ नितिन मदन कुलकर्णी और रजिस्ट्रार डॉ नमिता सिंह द्वारा लगभग 60 करोड रुपए से अधिक के वित्तीय घोटाले किए गए हैं। झारखंडी स्मिता के साथ खिलवाल कर उच्च शिक्षा को अवैध धन अर्जन का अड्डा बना दिया है। और राज्यपाल भवन व राज्य सरकार द्वारा प्रदत झारखंड विश्वविद्यालय अधिनियम की धज्जियां उड़ाई गई है। पिछले 3 सालों से अपने किए गए अवैध क्रिया कलापों को छिपाने केलिए येन केन प्रकरण राजभवन में बने हुए है।
उक्त बातें प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कही उन्होंने कहा कि व्यावसायिक पाठ्यक्रमों से 50 करोड रुपए से अधिक की राशि घोटाले हुई है और एक कार्यवाहक कुलपति मात्र तीन महीने में 7.30 करोड रुपए खर्च कर दिए जिन में निम्न गुणवत्ता की वस्तुएं खरीदी गई जिसका भौतिक सत्यापन और गणना होनी चाहिए यह खरीदी झारखंड, रांची से ना कर हरियाणा, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, कोलकाता आदि स्थित अज्ञात कंपनियों (जिसका झारखंड में कोई बेस नहीं है)से साढे तीन करोड रुपए से अधिक की निम्न गुणवत्ता के फर्नीचर खरीदे गए एक करोड रुपए खर्च कर वाईफाई लगाने का दावा किया गया लेकिन कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है कार्यकारी कुलपति द्वारा 57 लाख रुपए का इंटरमीडिएट फंड फिक्स कर दिया गया जो अवैध है।
श्री गुप्ता ने बताया अवैध रूप से आंतरिक फंड बनाया गया और कोई लेखा-जोखा नहीं रखा गया पेड सीट जैसी अवैध प्रथा के फीस में भारी घोटाला किया गया। b.ed शिक्षकों को वर्षों से वेतन वृद्धि नहीं दी गई जबकि विभाग ने 5करोड़ से अधिक की आय दी है कार्यवाहक कुलपति के कार्यालय में वोकेशनल की 20% के साथ 80% राशि भी विश्वविद्यालय के लिए उपलब्ध कराई गई जो कमीशन और भारी रिश्वत की ओर इंगित करता है। कार्यवाहक कुलपति डॉक्टर नितिन मदन कुलकर्णी रजिस्टर डॉक्टर नमिता सिंह वित्त अधिकारी आनंद मिश्रा को झारखंडी एससी,एसटी, ओबीसी और गरीब सामान्य जातियों से घोर नफरत है। वे आरक्षण की धज्जियां उड़ाते हुए इनके अध्ययन शुल्क सामान्य वर्ग के बराबर कर दी है।
राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा की मांग है कि अविलंब वर्तमान में महामहिम राज्यपाल के अपर सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी श्यामा प्रसाद मुखर्जी के रजिस्टर डॉक्टर नमिता सिंह व वित्त अधिकारी आनंद मिश्रा को तत्काल हटाया जाए क्योंकि ये प्रभावशाली अधिकारी हैं ताकि साक्ष्य के साथ कोई छेड़छाड़ ना हो।
ज्ञात हो कि डॉक्टर मदन नितिन कुलकर्णी दक्षिणी छोटा नागपुर प्रमंडल पदाधिकारी रहते हुए श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के लिए कार्यवाहक कुलपति के रूप में उन्हें नियुक्त किया गया था। जिन्हें सिर्फ नियमित कार्यों को देखना था इतने बड़े राशि का व्यय और नीतिगत फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं मिला था।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में हुई करोड़ों के घोटाले की स्वतंत्र एजेंसी से जांच हो तथा कैग ऑडिट झारखंड सरकार के वित्त विभाग द्वारा ऑडिट कराई जाए साथी एजीसीआर के यूनिवर्सिटी ऑडिट टीम द्वारा ऑडिट कराई जाए ग्रांट इन और में कैपिटल और सैलरी तथा जनरल हेड से किस प्रकार खरीदारी हुई यह भी जांच कराई जाए।
प्रेस वार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष दिलीप वर्मा महासचिव रामावतार कश्यप महानगर प्रभारी संतोष सोनी अभय प्रसाद अधिवक्ता जगत सोनी आदि उपस्थित थे।