रांची।। राजधानी के सदर अस्पताल में नवजात बच्चे की 3 दिनों के बाद अपहरण कर लिया गया था। 17 फरवरी की रात बच्चे का अपहरण कर आरोपी फरार हो गई थी। इसकी शिकायत अगली सुबह यानि 18 तारीख थाने में दर्ज कराई गई और फिर पुलिस ने जांच शुरू की परिणाम स्वरुप कुछ घंटों में ही अपहृत नवजात को बरामद कर लिया गया। एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने इस अपहरण कांड के पीछे की पूरी कहानी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताई। दरअसल, आरोपी महिला जिसने नवजात का अपहरण किया था बच्चों की चाहत में अपने मोहल्ले में यह बात फैलाई थी कि वो प्रेग्नेंट है और जब 9 महीने हुए तब उसने सदर अस्पताल में रेकी कर नवजात बच्चे के अपहरण की पूरी स्क्रिप्ट लिखी और आखिरकार वह नवजात के चोरी में सफल भी हो गई।
अपहरण के लिए रिश्तेदार को अंधविश्वास का लिया सहारा
गिरफ्तार आरोपी महिला पुतुल उरांव रांची के नरकोपी थाना क्षेत्र की रहने वाली है। वर्तमान में वह सुखदेव नगर थाना क्षेत्र में रह रही थी। वह लिव इन रिलेशनशिप में रहती थी और बच्चे की चाहत रखती थी। इस चाहत ने उसे आरोपी बना दिया। बच्चों की चाहत की वजह से उसने पहले सदर अस्पताल में घूम-घूम कर रेकी की और जब 14 फरवरी को बच्चों का जन्म हुआ, तब नवजात के अपहरण के लिए अंधविश्वास के जाल में बच्चे के रिश्तेदार को फंसाया। फिर अपहरण कर बच्चे को लेकर फरार हो गई थी।
सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी महिला की तस्वीर
17 फरवरी की रात बच्चा मौसी की गोद में दिखा था और उसके साथ एक और महिला सीसीटीवी फुटेज में कैद हुई थी। जब इस नवजात को बरामद किया गया। तब आरोपी से पूछताछ में सारी कहानी सामने आई। वहीं नवजात की मौसी के साथ पुलिस लगातार बच्चे की तलाश के लिए छानबीन कर रही थी।
एसएसपी ने बताया कि आरोपी ने बच्चे की मौसी को अंधविश्वास में झांसे में लिया और बच्चे का अपहरण किया। दरअसल मां बनने के बाद मां का दूध नहीं उतर रहा था। इसकी जानकारी मिलते ही आरोपी महिला ने पूजा-पाठ और जादू-टोना के जरिए दूध उतारने का दावा करते हुए मौसी को झांसे में लिया और फिर अंधविश्वास का खेल शुरू हुआ। वहीं पुलिस के पूछताछ में आरोपी महिला ने बताया कि नवजात की मौसी की आंखों में काली पट्टी लगाकर पूरे शहर भर में घुमाया गया। जब मौसी को काली पट्टी बांधकर आरोपी घूम रही थी। तब उसने कहा था कि वह पीछे मुड़कर ना देखें। मौसी बच्चे को गोद में लेकर आंख में पट्टी बांधे आगे आगे चल रही थी और आरोपी उसके पीछे-पीछे चल रही थी। कई जगह ऑटो बदल गया। पूरे शहर में आरोपी ने मौसी को बच्चे के साथ घुमाया और अंतिम में मौसी की गोद से बच्चे को लेकर फरार हो गई। जब तक मौसी बच्चे को बचा पाती। तब तक आरोपी वहां से निकल चुकी थी।
पुलिस ने की कड़ी म्हणत, दो सौ से भी ज्यादा सीसीटीवी फुटेज से हुआ खुलासा
रांची पुलिस ने बच्चे की तलाश में दो सौ से भी ज्यादा सीसीटीवी फुटेज को खंगाला और आखिरकार आरोपी तक जा पहुंची। आरोपी महिला को नारकोपी से गिरफ्तार किया गया और उसके पास से नवजात को बरामद किया गया। पुलिस ने बच्चे को 48 घंटे में उसकी मां से मिलवा दिया है। जिस पर पीड़ित मां ने रांची पुलिस को धन्यवाद दिया। वही इस पूरे मामले की गहनता से छानबीन की जा रही है। साथ ही इस अपहरण कांड का उद्वेदन करने वाले टीम को डीआईजी ने बधाई दी है।