नई दिल्ली, 20 मई 2024 – भारत के 18वें लोकसभा चुनाव का अंतिम चरण पूरा हो चुका है और पूरे देश में लोकतंत्र का यह महापर्व ऐतिहासिक बन गया। 7 चरणों में हुए इस चुनाव में कुल 91 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जिससे यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव साबित हुआ। चुनाव आयोग के अनुसार, इस बार मतदान प्रतिशत 68.4% दर्ज किया गया, जो पिछले चुनाव की तुलना में अधिक है।
चुनाव का पूरा शेड्यूल और चरणवार मतदान
लोकसभा चुनाव 2024 कुल 7 चरणों में आयोजित किया गया:
चरण | तारीख | राज्य/केंद्र शासित प्रदेश | मतदान प्रतिशत |
---|---|---|---|
1 | 19 अप्रैल 2024 | 21 राज्य | 69.2% |
2 | 26 अप्रैल 2024 | 13 राज्य | 66.5% |
3 | 7 मई 2024 | 11 राज्य | 67.1% |
4 | 13 मई 2024 | 9 राज्य | 68.7% |
5 | 20 मई 2024 | 7 राज्य | 70.3% |
6 | 25 मई 2024 | 6 राज्य | 69.8% |
7 | 1 जून 2024 | 8 राज्य | 68.4% |
मतदान के बाद अब सभी की निगाहें 4 जून 2024 को आने वाले नतीजों पर टिकी हुई हैं।
कौन-कौन से दल प्रमुख रूप से मैदान में हैं?
इस चुनाव में मुख्य रूप से दो बड़े गठबंधन आमने-सामने हैं:
1. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) – BJP के नेतृत्व में
- भारतीय जनता पार्टी (BJP)
- शिवसेना (शिंदे गुट)
- जनता दल यूनाइटेड (JDU)
- लोक जनशक्ति पार्टी (LJP)
- तेलुगु देशम पार्टी (TDP)
- AIADMK
2. भारतीय राष्ट्रीय गठबंधन (INDIA) – कांग्रेस के नेतृत्व में
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
- तृणमूल कांग्रेस (TMC)
- आम आदमी पार्टी (AAP)
- राष्ट्रीय जनता दल (RJD)
- समाजवादी पार्टी (SP)
- DMK
इसके अलावा, बहुजन समाज पार्टी (BSP) और असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM जैसी पार्टियां भी कुछ राज्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
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इस बार के चुनाव की खास बातें
🏆 युवाओं की जबरदस्त भागीदारी
इस बार लगभग 10 करोड़ नए मतदाता पहली बार मतदान कर रहे हैं। चुनाव आयोग ने युवाओं को प्रेरित करने के लिए ‘पहला वोट, लोकतंत्र के नाम’ अभियान चलाया, जिससे युवा वर्ग में मतदान को लेकर भारी उत्साह देखा गया।
👩 महिला मतदाताओं की बढ़ती संख्या
2024 के चुनावों में महिला मतदाताओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई। कई राज्यों में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहा, जो एक सकारात्मक संकेत है।
📱 डिजिटल और सोशल मीडिया का बड़ा प्रभाव
पहली बार चुनाव आयोग ने डिजिटल प्लेटफॉर्म का अधिकतम उपयोग किया। व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर के जरिए वोटरों को जागरूक किया गया।
🗳️ ईवीएम और वीवीपैट से पारदर्शिता
सभी मतदान केंद्रों पर EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के साथ VVPAT (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) का उपयोग किया गया, जिससे चुनाव प्रक्रिया और भी पारदर्शी हो गई।
चुनाव आयोग की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। कुल 40 लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए, जिनमें CRPF, BSF, SSB और पुलिस बल शामिल थे।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए हवाई निगरानी और ड्रोन कैमरों का उपयोग किया गया।
जनता का मूड और बड़े चुनावी मुद्दे
इस बार के चुनावों में जनता ने विभिन्न मुद्दों पर मतदान किया। कुछ प्रमुख मुद्दे इस प्रकार थे:
✅ महंगाई और बेरोजगारी – आम जनता के लिए सबसे बड़ा मुद्दा महंगाई और नौकरियों की कमी रही।
✅ राम मंदिर और हिंदुत्व – भाजपा ने राम मंदिर निर्माण को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया, जिससे हिंदू मतदाताओं में उत्साह देखा गया।
✅ किसान और MSP – किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और कृषि सुधारों को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त कीं।
✅ महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण – महिला आरक्षण बिल और सुरक्षा को लेकर भी इस चुनाव में बड़े स्तर पर चर्चा हुई।
✅ राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद – बालाकोट एयरस्ट्राइक, धारा 370 हटाने और सेना के आधुनिकीकरण को लेकर भाजपा ने अपनी मजबूत स्थिति पेश की।
✅ संविधान और लोकतंत्र की रक्षा – विपक्षी दलों ने BJP पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया और संविधान की रक्षा को अपना मुख्य एजेंडा बनाया।
देशभर में मतगणना को लेकर उत्सुकता
अब सभी की नजरें 4 जून 2024 पर टिकी हैं, जब चुनाव परिणाम घोषित होंगे। विभिन्न एजेंसियों के एग्जिट पोल ने अभी तक मिले-जुले संकेत दिए हैं, जिससे मुकाबला रोचक बन गया है।
निष्कर्ष
लोकसभा चुनाव 2024 भारत के लोकतंत्र के लिए एक ऐतिहासिक चुनाव साबित हुआ। करोड़ों मतदाताओं की भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि भारत में लोकतंत्र की जड़ें बेहद मजबूत हैं। अब देखना यह है कि कौन सी पार्टी सत्ता में आएगी और कौन देश का अगला प्रधानमंत्री बनेगा?
“लोकतंत्र की जय हो!” 🗳️🇮🇳