भारत सरकार का कोयला मंत्रालय भूमिगत वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी को बढ़ावा देने के लिए एक नई प्रोत्साहन योजना पर काम कर रहा है। इस पहल का उद्देश्य निजी निवेशकों को आकर्षित करना और भारत में कोयला उत्पादन को बढ़ावा देना है, जिससे ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
प्रमुख बिंदु:
निवेश को बढ़ावा: सरकार भूमिगत खदानों में निवेश को आकर्षित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन और रियायतें देने की योजना बना रही है।
पर्यावरण अनुकूल उपाय: पारंपरिक खुली खदानों की तुलना में भूमिगत खदानें पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होती हैं, जिससे सतह पर कम क्षति होती है।
कोयला उत्पादन में वृद्धि: यह कदम भारत की कोयला आत्मनिर्भरता को बढ़ाने में मदद करेगा और ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक होगा।
निजी कंपनियों की भागीदारी: सरकार निजी कंपनियों को इन खदानों की नीलामी में भाग लेने के लिए आकर्षित करने के लिए लचीली नीतियाँ बना रही है।
भविष्य की योजना:
नई प्रोत्साहन नीति के तहत सरकार भूमिगत कोयला खदानों के संचालन के लिए आधुनिक तकनीकों और सुरक्षा उपायों को अनिवार्य करेगी। यह कदम भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव लाने और कोयला उत्पादन में स्थिरता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।